Monday 5 July 2010

जी चाहता है...


इन आँखों में डूबने को जी चाहता है

तेरी आँखों से दुनिया देखने को जी चाहता है

बनके समंदर तेरी प्यास बनूं जी चाहता है

गेंसू की घनी छांव में सोने को जी चाहता है

खुशबू बनकर तेरी सांसों में महकने को जी चाहता है

तुझे चाहते जाने को जी चाहता है

तेरा दीदार करने को जी चाहता है

तुझे अपना बनाने को जी चाहता है।



3 comments:

  1. तेरी आँखों से दुनिया देखने को जी चाहता है
    अच्‍छा लिखा है। अभिनंदन

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  2. 'बनके समंदर तेरी प्यास बनूं जी चाहता है.'
    वाह प्रभु वाह.

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  3. भई मान गए आपकी नज़र और आपकी कविता दोनों को |
    सबसे पहले तो इस ओपन पत्रिका की न्यूज़ प्रकाशित कीजिये, इसको बहुत फैलाने की आवश्यकता है -
    Read in English
    हिंदी में पढ़ें

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